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नेहरू बाल पुस्तकालय >> रविवार है कितना अच्छा

रविवार है कितना अच्छा

देबाशीष देब

प्रकाशक : नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :19
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6212
आईएसबीएन :81-237-4855-8

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देबाशीष देब द्वारा रचित कहानी रविवार है कितना अच्छा .......

Ravivar Hai Kitna Achchha-A Hindi Book by DebaShish Deb

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

रविवार है कितना अच्छा


आज रविवार है। मतलब कि बंटी के लिए छुट्टी का दिन !
‘‘बंटी, नौ बज चुके हैं। अब बिस्तर को छोड़ो भी !’’
मां ने आवाज दी।
‘‘मां, पहले मेरे लिए ऑमलेट बनाने का वादा करो।’’ बंटी ने कहा।
‘‘पापा, आज अखबार का ‘खेल-जगत’ पन्ना सबसे पहले मैं देखूंगा।’’

‘‘वाह ! भारत ने हाकी में सोने का पदक जीता !’’
‘‘दूध नहीं मां, आज मैं सिर्फ चाय लूंगा, पापा की तरह।’’ बंटी मुस्कराया।
‘‘आओ जिम्मी, अब हम कहानी की किताब पढ़ते हैं।’’
‘‘अब तक मैं ‘खेल-जगत’ पन्ना, एक कॉमिक और एक कहानी की किताब पढ़ चुका हूं। अब कम्प्यूटर पर खेलने का समय है।’’
‘‘मां, पांच बज गये। यानी क्रिकेट खेलने का समय।’’
‘‘बढ़िया शॉट, बंटी। छक्का होना चाहिए !!!’’
‘‘सचमुच बढ़िया स्ट्रोक !’’
‘‘मां, मैं आ गया।’’
‘‘जाओ और अच्छी तरह नहा लो, बेटा !’’ मां ने कहा।
‘‘कितना, मजा आ रहा है !’’

 

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